सोमवार, 16 नवंबर 2009

तेरे इश्क में..

तेरे इश्क में मैं इस क़दर जिया हूँ के जीना भी जेने -सा लगता नहीं है ..
तेरे प्यार के गम में इस क़दर पिया हूँ के पीना भी पीने-सा लगता नहीं है....
तेरे इश्क में मैं.....

1 टिप्पणी:

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--धन्यवाद !