मंगलवार, 25 जनवरी 2011

हम कश्मीरी लाल-चौक पे




दुःख अतिशय यह है हमको अपनों ने ही ललकारा है,पर उनको हम देशभक्ति के पाठ पढ़ाकर आयेंगे,
नहीं डिगा सकता भय कोई ,देश-गीत हम गायेंगे,हम कश्मीरी लाल-चौक पे राष्ट्र-ध्वजा फहराएंगे...!

अपनी ही सरजमीं  हमारी राष्ट्रभक्ति फुफकार रही,वीर शहीदों की कुर्बानी को सत्ता धिक्कार  रही,
हम सुभाष और बोस भगत की वो गाथा दुहराएंगे,हम कश्मीरी लाल-चौक पे वीर-ध्वजा  फहराएंगे..!

हम स्वतन्त्र भारत के यौवन ,पर दानवता हावी है, भरत-शौर्य की याद दिलाती झेलम,सिन्धु,रावी है..
अपनी इस माटी की गौरव-गाथा नहीं भुलायेंगे,हम कश्मीरी लाल-चौक पे राष्ट्र-ध्वजा लहरायेंगे..!

बुधवार, 12 जनवरी 2011

अक्स ..!

समंदर की मचलती झूमती लहरों से कह आया,
हमें दो पल पलक में चेहरा उनका नज़र आया,
ठहर जा तू ज़रा बस दो घडी उनको तो आने दे....
हमें जिनके नशे में इश्क का दिलकश असर छाया.
..!