इसी एक को तरस रहे सब,एक नहीं जब एक fake है..!
एक नहीं तो रौब नहीं है,एक नहीं तो जॉब नहीं है...
TRUE भी एक है बाकी FALSE , एक हसीं दिलफेंक एक है ..!
एक दर्द,दिल, एक अश्क है,एक दीवाना एक इश्क है..
एक हुस्न पे तड़प-तड़प कर,तोड़ रहा दम एक अक्स है..!
यही खुदाया एक रस्म है,एक अदालत एक चश्म है..
एक तरफ भय क्रोध दीनता,एक यहाँ संपन्न जश्न है..!
एक "एक" की कथा पुरानी,एक लफ्ज़ बिन सबकुछ पानी..
इसी "एक" को तरस रहा मैं,चलो ख़तम अब "एक" कहानी..!