सोमवार, 19 अक्तूबर 2009

शुभ दीवाली...!

यह वही अमावस है जिसमे अँधेरा जग में छाता है..
पर अँधेरे से निकल तभी दीपक रोशन सा आता है..
सबकी दुनिया को दे ज्योति
खुशियों का राग सुनाता है..
ऐसे हो जग जगमग सबका हर पल ये वो समझाता है...
इस दीवाली में दिल अपना यूँ सूना-सूना सा लागे,
पर होठों पे मुस्कान तेरी मन को मेरे शीतल लागे...
अब रब से बस इतना कह दूं ये दुआ हमारी सुन लेना..

चम्पक
के सब मित्रों को तू शुभ-दीवाली कह खुश रखना....!

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