
नव!-नव जीवन की क्यारी में हरियाली ही हरियाली हो.
वर्ष-वर्ष बने यह जीवन का जिसमे केवल खुशहाली हो.
मं-मंद रहे दुःख की ध्वनि फिर कभी सुख का तीर न खाली हो.
ग-गणपति की हो कृपादृष्टि हाथों में धन की थाली हो.
ल-लघुता छोड़ श्रेष्ठता पा लें ऐसी आस निराली हो.
म-मन प्रसन्न हो हर क्षण फिर होठों पे मधु की प्याली हो.
य-यह वंदना करूँ मैं प्रभु से दुःख की न छाया काली हो.
हो-होना ही हो यदि तो फिर सुखमय वृक्षों की डाली हो.
आप सबों को नव-वर्ष में नव-जीवन की हार्दिक शुभकामनाएं...!.
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!