रिश्तों की कभी दिल में गर कोई गरज नहीं होती...
दोस्ती मुश्किल भी नहीं और भी सहज नहीं होती...
निभा सको तो शुक्र है वर्ना राहें हो जाती हैं गमजदा,क्यूंकि,
दोस्ती रुक-रुक कर चलने वाली कोई नब्ज़ नहीं होती....!
कवि बनने की राह पर नए खुशबूदार पुष्प मिले ,उन्हें एक माला की तरह,अपने कविता-प्रेम के धागे में पिरोकर आगे बढ़ता गया,इन नए पुष्पों को संजोने की कोशिश में एक बहका सा और थोडा भटका सा शायर बन बैठा ,यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ वैसे ही अनमोल पुष्प जिन्हें अलग विषयों और अलग-अलग लोगों की पसंद के अनुसार लिखा था मैंने.आप सबसे यही अपेक्षा है कि मुझे आपके प्रेम की छाँव-तले और भी नए खुशबूदार पुष्प मिलें.जिन्हें अपने उसी प्रेम की माला में पिरोकर मैं एक अच्छा शायर और एक उत्कृष्ट कवि बन जाऊं!
आपने बिल्कुल सही कहा है! दोस्ती ऐसा हो जिसमें सच्चाई हो और आखरी दम तक उसे निभाया जा सके!
जवाब देंहटाएंबहुत भावसे भरी :)
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