बुधवार, 23 मार्च 2011


शमा तू एक बस मेरी, तेरा मैं एक परवाना..
तेरी गुमनाम यादों ने बनाया एक अफसाना..
मुझे अपना के तू देखे अगर कडवी जुबाँ वाले,
तुम्हारे  हुस्न  को झकझोर रख देगा ये दीवाना..!
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2 टिप्‍पणियां:

ब्लॉग पर आने के लिए और अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए चम्पक की और से आपको बहुत बहुत धन्यवाद .आप यहाँ अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर हमें अपनी भावनाओं से अवगत करा सकते हैं ,और इसके लिए चम्पक आपका सदा आभारी रहेगा .

--धन्यवाद !